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Thursday 17 July 2014

केखरौ कुटिया केखरौ झोर| अंगिका कहावत

  केखरौ कुटिया केखरौ झोर केखरौ आँखी स॑ टपकै लोर


अर्थ -  किसी वस्तु का पक्षपातपूर्ण वितरण ।

किसी को मछली की कुटिया मिली, किसी को केवल झोर (रस) ही मिला और किसी को तो वह भी नहीं मिला । फलस्वरूप, उसकी आँखों से आँसू बह रहे हैं ।

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