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Sunday, 8 August 2010

ओछ स॑ पिरीत बालू के भीत | अंगिका कहावत

  ओछ स॑ पिरीत बालू के भीत


अर्थ -   ओछे व्यक्ति से प्रीति बालू के भीत के समान होती है । जिस प्रकार बालू की भीत नहीं टिक सकती, उसी प्रकार ओछे के साथ किया हुआ प्रेम भी नहीं निभता ।

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